बीआरबीएनएमपीएकल का इतिहास

बीआरबीएनएमपीएकल का इतिहास

भारत सरकार द्वारा नासिक में इंडिया सेक्युरिटी प्रेस की स्थापना से भारत में बैंक नोट मुद्रण 1928 में प्रारंभ हुआ। नासिक प्रेस के प्रारंभ होने तक भारतीय मुद्रा नोट यूनाइटेड किंगडम के Thomas De La Rue Giori द्वारा मुद्रित करवाए जाते थे। भारत सरकार द्वारा देवास (मध्यप्रदेश) में 1975 में दूसरे बैंक नोट प्रेस की स्थापना हुई। जनसंख्या तथा आर्थिक कार्यकलापों में वृद्धि के साथ साथ बैंक नोट के लिए मांग लगातार बढ़ती जा रही है। मांग और आपूर्ति के बीच फासले को कम या दूर करने हेतु भारत सरकार ने दो नए बैंक-नोट मुद्रण प्रेस, एक मैसूर (कर्नाटक) और दूसरा शालबनी (पश्‍चिम बंगाल) में, स्थापित करने का निर्णय किया।

भारत सरकार ने दो नए बैंक-नोट मुद्रण प्रेस की स्थापना हेतु नए नोट-प्रेस प्रॉजेक्ट की पहल की। बहरहाल, प्रॉजेक्ट को दिसम्बर 1989 में भारतीय रिज़र्व बैंक को अंतरित किया गया। रिज़र्व बैंक ने प्रॉजेक्ट पूरा करने एवं दोनों प्रेस के मामलों को संभालने हेतु संपूर्णतः स्वामित्वाधीन भारतीय रिज़र्व बैंक-नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया। बीआरबीएनएमपीएल को 3 फरवरी 1995 को प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के रूप में निगमित किया गया। कम्पनी अधिनियम 1956 के प्रावधानों 43A के अधिकार से कम्पनी 5 मार्च 1997 से मान्यता प्राप्त सार्वजनिक लिमिटेड कम्पनी बनी। कम्पनी (संशोधन) अधिनियम 2000 में धारा 43A के संशोधन के फलस्वरूप कम्पनी 24 फरवरी 2002 कोे फिर से प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बन गयी। 

प्रॉजेक्ट के महत्व व आकार को ध्यान में रखते हुए कम्पनी ने दो चरणों में प्रेस स्थापित करने का निर्णय किया तथा चरण-I प्रत्येक साइट पर एकल उत्पादन लाइन के साथ मिनि प्रेस की स्थापना करने हेतु जिसे नई कार्य – पद्धतियों के लिए टेस्टिंग ग्राउंड के रूप में तथा चरण-II मशीनों को दक्षता से चलाने हेतु कार्मिक को प्रशिक्षण देने के लिए प्रयोग किया जाएगा। चरण-II में मैसूर में उत्पादन के 7 लाइनों और शालबनी में उत्पादन के 8 लाइनों के साथ मुख्य प्रेस स्थापित करना शामिल था। चरण-I मैसूर तथा शालबनी में क्रमशः जून और दिसम्बर 1996 में परिचालित किया गया। 1998-99 के दौरान, दोनों साइट पर कार्य-पद्धतियों और कार्य निष्पादन के परीक्षण के बाद मिनि प्रेस मशीनरी मुख्य प्रेस में शिफ्ट की गयी जब कि मैसूर में उत्पादन की सभी सात लाइन 12 मई 1999 को कारगर हुई एवं शालबनी प्रेस का उद्घाटन 12 फरवरी 2000 में किया गया।